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Bhakti_Sangrah - featured RSS Feed

02 Jan तिलक लगाने की परंपरा
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लक लगाने की परंपरा कब से और कैसे शुरू हुई यह बताना थोड़ा कठिन है, लेकिन यह परंपरा भारत में प्राचीनकाल से ही चली आ रही है। किसी आयोजन में आने वाले व्यक्ति का स्वागत-सत्कार तिलक लगाकर ही करते हैं।विवाहि..
09 Dec हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार के दीयों का महत्व
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पूजा समाग्री पारंपरिक अनुष्ठानों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, चाहे वह दैनिक पूजा हो या विशेष होने वाली पूजा । इस ब्लॉग में दीए के प्रकारों के बारे में और जानें।यदि आप इतिहास में गहराई से देखें ..
08 Dec मंदोदरी की कहानी - एक मेंढकी कैसे बनी रावण की पत्नी
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पुलस्त्य ऋषि के पुत्र और महर्षि अगस्त्य के भाई महर्षि विश्रवा ने राक्षसराज सुमाली और ताड़का की पुत्री राजकुमारी कैकसी से विवाह किया था। कैकसी के तीन पुत्र और एक पुत्री थी- रावण, कुम्भकर्ण, विभीषण और स..
04 Dec नक्षत्र और उनके स्वामी
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भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कुल मिला कर 28 नक्षत्रों कि गणना है, तथा प्रचलित केवल 27 नक्षत्र है।उसी के आधार पर प्रत्येक मनुष्य के जन्म के समय नामकरण होता है. अर्थात मनुष्य का नाम का प्रथम अक्षर किसी ना..
15 Jan प्रसन्न करें शिव को
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हिन्दू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता की पूजा की अलग-अलग पद्धतियां हैं।पूजा में अलग-अलग सामग्री का उपयोग किया जाता है। कुछ सामग्री ऐसी होती हैं, जिनका प्रयोग करना उलटा परिणाम भी दे सकता है। ऐसा भगवान शि..
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