प्रजापति दक्ष की 84 पुत्रियां
![प्रजापति दक्ष की 84 पुत्रियां प्रजापति दक्ष की 84 पुत्रियां](https://jipanditji.com/image/cache/catalog/JiPanditJiPics/Blogs/PrajapatiDaksh-758x373-760x430h.png)
प्रजापति दक्ष ब्रह्मा के मानस पुत्रों में से एक हैं।
ब्रह्मा ने दक्ष को अपने अंगुष्ट से उत्पन्न किया था। दक्ष राजाओं के देवता थे जो अत्यंत बलशाली, बुद्धिमान और दृढ़ इच्छाशक्ति वाले थे।
दक्ष की दो पत्नियां थीं,
- प्रसूति
- असिकी
प्रसूति स्वयम्भुव मनु की तृतीय पुत्री थीं और असिकी प्रजापति वीरण की पुत्री थीं इसलिए असिकी को वीरणी भी कहा जाता है।
प्रसूति से दक्ष की 16 और वीरणी से 60 पुत्रियाँ उत्पन्न हुईं। आज हम प्रजापति दक्ष की 84 पुत्रियां के विषय में चर्चा करेंगे।
तो आइये शुरू करते हैं
प्रसूति से उत्पन्न पुत्रियां
- श्रद्धा, मैत्री, दया, शान्ति, तुष्टि, पुष्टि, क्रिया, उन्नति, बुद्धि, मेधा, तितिक्षा, ह्री और मूर्ति जिनका विवाह धर्म के साथ हुआ।
- स्वः जिसका विवाह अग्नि के साथ हुआ।
- स्वधा जिसका विवाह पितृगण के साथ हुआ और सती नामक पुत्री का विवाह शिव के साथ हुआ।
अब हम प्रकाश डालेंगे राजा दक्ष की दूसरी पत्नी असिकी से उत्पन्न पुत्रियों की।
असिकी से साठ पुत्रियां उत्पन्न हुई। इनमें से अनेक पुत्रियों को राजा दक्ष ने जनसख्या में वृद्धि के लिए दान में दे दिया।
- दस पुत्रियों का विवाह धर्मराज के साथ हुआ।
- सत्तरह पुत्रियां कश्यप मुनि को दी गयीं
- सत्ताईस पुत्रियों का विवाह चन्द्रमा के साथ हुआ
- अतिरिक्त 6 पुत्रियों में से 2-2 पुत्रियों का विवाह, ऋषि अंगिरा, कृशाश्व और भूत के साथ हुआ
पुत्रियों के नाम और इनसे उत्पन्न पुत्र
धर्मराज से विवाहित पुत्रियों के नाम : भानु, लाम्बा, ककुद, यामी, विश्वा, साध्या, मरुत्वती, वसु, मुहूर्त और संकल्पा।
- भानु से देव ऋषभ की उत्पत्ति हुई,
- लाम्बा से विद्योत उत्पन्न हुए जिसने बादलों को उत्पन्न किया,
- ककुद ने संकट को जन्म दिया,
- यामी ने स्वर्ग को जन्म दिया जिससे नंदी की उत्पत्ति हुई,
- विश्वा के पुत्र सभी विश्वदेव थे,
- साध्या के पुत्र साध्य थे जिनका अर्थसिद्धि नाम का पुत्र था.
- मारुत्वती के पुत्र मारुतवान और जयंत थे
- मुहूर्त्तिका नामक सभी देवताओं को मुहूर्त ने जन्म दिया
- संकल्पा के पुत्र का नाम संकल्प था
- वसु के आठ पुत्र हुए जिन्हे आठ वसु कहा गया जिनके नाम क्रमशः द्रोण, प्राण, ध्रुव, अर्क, अग्नि, दोष, वास्तु और विभावसु थे.
- भूत की पत्नी सरूपा थीं जिसने एक करोड़ रुद्रों को जन्म दिया
- भूत की दूसरी पत्नी ने भूत पिशाचों को जन्म दिया
- अंगिरा की पत्नियां स्वधा और सती थीं
प्रजापति अंगिरा की पहली पत्नी स्वधा ने सभी पितरों को पुत्रों को रूप में स्वीकार किया और सती ने अथर्वांगिरस वेद को पुत्र के रूप में स्वीकारा.
कृशश्वा की पत्नियां अर्चि और धिषणा थीं.
अर्चि ने धूमकेतु को जन्म दिया.
धिषणा ने वेदशिरा, देवल, वायुना और मनु उत्पन्न हुए
कश्यप अथवा तार्क्ष्य की पत्नियां विनता, कद्रू, पतंगी और यामिनी थीं
विनता ने गरुड़ और अरुण को जन्म दिया,
पतंगी ने भिन्न प्रकार के पक्षियों को जन्म दिया,
यामिनी ने शलभ अर्थात टिड्डे, तितलियों जैसे कीटों को जन्म दिया और कद्रू से नागों की उत्पत्ति हुई
कश्यप मुनि से विवाहित दक्ष की पुत्रियों के नाम: अदिति, दिति, दनु, काष्ठा, अरिष्टा, सुरसा, इला, मुनि, क्रोधवषा, तामरा, सुरभि, सरमा और तिमि हैं.
महर्षि कश्यप से विवाहित दक्ष की तेरह कन्याओं से संसार के समस्त प्राणियों की उत्पत्ति हुई इसलिए इन्हें लोकमाता कहा जाता है.
- तिमि के गर्भ से जलजंतु उत्पन्न हुए,
- सरमा से डरावने पशु जैसे शेर, चीते आदि जन्मे,
- सुरभि ने गाय, भैंस जैसे अनेक प्राणियों को जन्म दिया,
- तामरा से बाज, चील जैसे बड़े पक्षियों की उत्पत्ति हुई,
- मुनि ने अप्सराओं को जन्म दिया,
- क्रोधवषा से दंदशूक नामक नाग और मच्छर आदि उत्पन्न हुए,
- इला ने पेड़, लताओं और बेल आदि को उत्पन्न किया,
- सुरसा ने राक्षसों और बुरी आत्माओं को जन्म दिया,
- अरिष्टा से गन्धर्व उत्पन्न हुए,
- काष्ठा ने एक खुर वाले जानवर जैसे घोड़े आदि को उत्पन्न किया,
- दनु ने ६१ पुत्रों को जन्म दिया जिनमें से १८ प्रमुख पुत्रों के नाम इस प्रकार हैं: द्विमुर्धा, शम्बर, अरिष्ट, हयग्रीव, विभावसु, अयोमुख, शंकुशिरा, स्वर्भानु, कपिल, अरुण, पुलोमा, वृषपर्वा, एकचक्र, अनुतापन, धूम्रकेश, विरूपाक्ष, विप्रचिति और दुर्जय,
- अदिति ने आदित्य अथवा देवताओं को जन्म दिया जिनके नाम इस प्रकार हैं:विवस्वान, आर्यमा, पूषा, त्वष्टा, सविता, भाग, धाता, विधाता, वरुण, मित्र, शत्रु और उरुक्रम,
- दिति से हिरण्यकशिपु और हिरण्याक्ष नामक दो दैत्य पुत्र उत्पन्न हुए।
चन्द्रमा से विवाहित सत्ताईस पुत्रियों को नक्षत्र कहा जाता है जिनके नाम इस प्रकार हैं:
कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, आद्रा, पुनर्वसु, सुन्रिता, पुष्य, अश्लेषा, मेघा, स्वाति, चित्रा, फाल्गुनी, हस्ता, राधा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मुला, अषाढ़, अभिजीत, श्रावण, सर्विष्ठ, सताभिषक, प्रोष्ठपदस, रेवती, अश्वयुज, और भरणी।
और इस प्रकार प्रजापति दक्ष की पुत्रियों ने संसार का प्रसार करने में योगदान दिया।
11 Comment(s)
Valuable Information
<a href="https://news.herbapproach.org/how-to-make-cbd-oil/">How to Make CBD oil</a>
I am impressed with your ideas. Sounds interesting!
<a href ="https://herbapproach.com/product/papaya-cake/">Papaya Cake</a>
I’ve never seen before this kind of blog. So beautiful and so interesting. I like it.
http://buylowgreen.com/product/super-lemon-haze-3/
Thanks for showing that kind of knowledge on your blog site. Keep it up!
<a href =”https://herbapproach.org/product-category/ Sour-Diesel/”>Sour Diesel</a>
Awesome! Really appreciate it, man.
<a href =”https://herbapproach.org/product-category/ Sour-Diesel/”>Sour Diesel</a>
Awesome! Really appreciate it, man.
http://herbapproach.org/product-category/cbd-oil-canada/cbd-edibles/
Amazing point of view. Keep up the good writes!
http://herbapproach.org/product-category/cbd-oil-canada/cbd-edibles/
Amazing point of view. Keep up the good writes!
https://herbapproach.com/product/canna-lean-wonders/
Interesting details. Keep up the good works!
<a href =”https://herbapproach.com/product-category/flowers/online-dispensary-british columbia/”>online dispensary british columbia</a>
Awesome! Really appreciate it, man.
<a href =”https://herbapproach.org/product-category/moon-rocks-weeds/”>moon rocks weeds</a>
I found this blog site it’s very informative and helpful.
Leave a Comment