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Ram Navami Festival: Celebrations, Puja Vidhi, and Sacred Chants 

रामनवमी का उत्सव

कुछ स्थानों पर, रामनवमी उत्सव पूरे नौ दिनों तक चलता है और इसलिए इसे “रामनवरात्र” कहा जाता है।  इसे निरंतर पाठ, अखंड रामायण पाठ, भजन, कीर्तन और प्रसाद वितरण आदि द्वारा चिह्नित किया जाता है।  शिशु श्री राम की तस्वीरों को पालने में रखा जाता है और भक्तों द्वारा झुलाया जाता है।  ऐसा माना जाता है कि भगवान राम का जन्म दोपहर के समय हुआ था, इसलिए मंदिरों और पारिवारिक तीर्थस्थलों को खूबसूरती से सजाया जाता है और सुबह परिवार द्वारा पारंपरिक प्रार्थनाएं की जाती हैं।  कई अनुयायी इस दिन को दिन भर उपवास करके और उसके बाद शाम को दावत देकर मनाते हैं। 

पूजा विधि  

स्वस्ति वाचन, शांति पाठ, संकल्प, गणेश स्थापना, लक्ष्मी स्थापना, कलश स्थापना, राम दरबार स्थापना, नवग्रह स्थापना, ब्रह्म स्थापना, अग्नि स्थापना, सभी देवी-देवताओं का आह्वान, नवग्रह मंत्र जप (प्रत्येक ग्रह के लिए 1 माला), पाठ सुंदरकांड पाठ, श्री राम जन्म स्तुति का 51 बार पाठ, श्री राम जन्म स्तुति का 51 बार पाठ, रक्षा  स्तोत्र पाठ, 51बार राम रक्षा स्तोत्र जप, शहद, घी, चीनी, तिल, जई, अष्टगंध, चंदन पाउडर, नवग्रह समिधा के साथ होमम और फिर भगवान राम की आरती, ब्राह्मणों को प्रसाद। 

पूजा की अवधि 

4 घंटे 

पंडित जी की संख्या 

1 / 3 / 5 पंडित जी  

श्री राम जन्म स्तुति 

 भये प्रगट कृपाला दिन्डयाला, कौशल्या हितकारी 

 हर्षित महतारी मुनि मन हारी, अदभुत रूप विचारी 

 लोचन अभिराम तनु घनश्यामा, निज आयुध भुज चारी 

 भूषण वनमाला नयन बिसाला, शोभासिंधु खरारी 

 कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी, केहि विधि कराओ अनंता 

 माया गुन ज्ञानतीत अमाना, वेद पुराण भनन्त 

 करुणा सुख सागर सब गुण आगर, जेहि गावहिं श्रुति संता 

 सो मम हित लागी जन अनुरागी भयो प्रगट श्रीकांत 

 ब्रह्माण्ड निकाय निर्मित माया, रोम रोम प्रति वेद कहे 

 मम उर सो वासी यः उपसि, सुनत धीर मति स्थिर न रहे 

 उपजा जब ज्ञान प्रभु मुस्कान, चरित बहुत बिधि कीन्ह चाहे 

 कहि कथा सुहाई मातु बुझाई, जेहि प्राकर सुत प्रेम लहे 

 माता पुनि बोली सो मति डोली, तजहु तात यः रूपा 

 किजे सिसु लीला अति प्रियसिला, यः सुख परम अनुपा 

 सुनि बचन सुजना रोदन ठाणा, होइ बालक सुरभूपा 

 याह चरित जे गावहि हरिपद पावहि, ते न परहि भब कूपा!! 

श्री राम स्तुति 

 श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन, हरण भव भय दारुणम 

 नवकंज लोचन कंज मुखकार, कंज पद कंजारुणम् 

 कंदर्प अगनित अमित छवि, नवनील नीरज सुंदरम 

 पटपीत मनहु तदित रुचि-सुचि, नौमि जनक सुता वरम् 

 भजु दीन बंधु दिनेश दानव, दैत्य वंश निकंदम 

 रघुनंद आनंद कंद, कौशल चंद्र दशरथ नंदम 

 सर मुकुट कुंडल तिलक चारु, ओदारु अंग विभूषणम् 

 आजनु भुज शर चाप धार, संग्राम जित खरदुश्नम् 

 एति वदति तुलसीदास, शंकर शेष मुनि मन रंजनम 

 मम हृदय कुंज निवास कुरु, कामादि खल-दल गंजनम् 

राम रक्षा स्तोत्र मंत्र 

राम रामेति रामेति, 

रामे रामे मनोरमे | 

सहस्र-नाम तत्थुल्यम्, 

राम-नाम वरानने || 

सेवा 5400 / 7100 / 11000 / 21000 Rs

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